भारत विरोधाभासियों का देश है

तस्वीर एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से  
भारत विरोधाभासियों का देश है।
यहाँ जाति व्यवस्था कोई नहीं चाहता,
पर बात जब बच्चों की शादी की आयेगी, 
जोड़ा ढूंढेगे अपनी ही जाति में।
गोत्र का भी ध्यान रखेंगे।
दहेज़ प्रथा की जमकर बुराई करेंगे,
डिमाण्ड करने में पीछे नहीं हटेंगे।
भगत सिंह और विवेकानंद का उदहारण देंगे,
बेटा उसकी राह पर जायेगा तो गाली देंगे।
बोलेंगे साला नालायक बनेगा।
किसी लड़की और लड़कों को शादी के पहले मिलने पर पाबन्दी रखेंगे,
और एक साल में ही दादा- दादी बनना चाहेंगे।
बदलाव की बात करेंगेबदलने की बारी आयेगी
तो बदलने की बात तो दूरइसका विरोध भी करेंगे।
पुरुष महिला सशक्तिकरण की बात करेंगे,
शादी के साथ ही महिला का नाम बदलकर देवी या अपना टाइटल उसके नाम में जोड़ देंगे।
लिंग आधारित भेदभाव को बुरा कहेंगेपर बच्चा लड़का ही चाहेंगे।
और भी बहुत कुछ है ...खुद सोचिये और महसूस कीजिये।
शेषनाथ वर्णवाल
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